काशी विद्वत परिषद का कार्यालय हुआ शुरू जानिए क्या होगा खास
वाराणसी। श्रीकाशी विद्वत्परिषद् कार्यालय का उद्घाटन समारोह हुआ जिसमें अध्यक्षता कांचीपुरम के शंकराचार्य शंकर विजेन्द्र सरस्वती ने आनलाइन माध्यम से की।
मुख्यातिथि सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने विचार व्यक्त किया कहा कि काशी विद्वत्परिषद् के काम दुनिया देख रही है सभी की निगाह काशी की ओर है काशी विद्वत्परिषद् ने हमेशा मार्गदर्शन दिया है जब कभी धर्म शास्त्रों के निर्णय लेने होते हैं तो भारत सरकार प्रदेश सरकार तथा न्यायलय भी विचार लेते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में गागाभट्ट जैसे विद्वान जो काशी विद्वत्परिषद् के सदस्य थे उन्होंने राजतिलक किया इतनी प्राचीन संस्था पारम्परिक शास्त्रों के संरक्षण में डिजिटल संसाधनों से जुड़कर सभी को दृष्टिगत रखकर इन्टरनेशनल स्टुडियो भी इस कार्यालय में हैं यह और प्रसन्नता का विषय है।
काशी विद्वत्परिषद् के मार्ग दर्शन में भारतीय संस्कृति की चेतना का संचार होगा यह काशी उसका केन्द्र है उन्होंने कहा कि सिक्किम में भी काशी विद्वत्परिषद् के विद्वानों का आगमन हो और एक शाखा वहां भी स्थापित हो। पूर्व कुलपति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि काशी में यह केन्द्र सभी विषयों पर चर्चा संवाद का केंद्र बनेगा विद्वत्परिषद् ने मुगल काल में भी अपना अस्तित्व सुरक्षित रखीं हैं तो वर्तमान में तो अनुकूल वातावरण है इसमें सरकारों को भी परिषद बड़ी भूमिका में रखना चाहिए।डा नीलकंठ तिवारी ने कहा कि आज का क्षण हमेशा स्मरण रखने का होगा इतनी प्राचीन संस्था अपने मूल स्वरूप में जीवन्ता के साथ भौतिक विज्ञान से मिलकर प्राच्यविद्या का विकास कर रही है।
महापौर अशोक तिवारी पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले महन्त शंकर पुरी काशी विद्वत्परिषद् के अध्यक्ष पद्मभूषण प्रो वशिष्ठ त्रिपाठी प्रो चन्द्रमौली उपाध्याय प्रो शंकर मिश्र प्रो विनय कुमार पाण्डेय पं रमण घनपाठी पं दीपक मालवीय पं सतीश चन्द्र मिश्र डा रामाश्रय शुक्ल प्रो हर प्रसाद दीक्षित प्रो सदाशिव द्विवेदी स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती डा वाचस्पति त्रिपाठी ,अभय त्रिपाठी एवम डा शुकदेव त्रिपाठी काशी विद्वत्परिषद् के अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक रमन त्रिपाठी जिन्होंने कार्यालय को मूर्त रूप दिया है। पं गोविन्द शर्मा कमलेश झा अन्य तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन परिषद के महामंत्री प्रो रामनारायण द्विवेदी ने किया तथा प्रोफेसर द्विवेदी ने बताया कि काशी विद्वत्परिषद् कार्यालय में सनातन संस्कृति तथा संस्कारों एवं उनके मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए यह कार्यालय है सभी विद्वानों संतों को इस परिषद से जोड़ने पर बल दिया और कहा कि काशी परीक्षण की भूमि है इसलिए आद्य शंकराचार्य ने इस परिषद की स्थापना की होगी।सभी अतिथियों को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। सबसे पहले फीता काट कर दीप प्रज्वलित कर कार्यालय का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ परिषद के पदाधिकारियों ने सभी का सम्मान स्मृति चिन्ह एवं माल्यार्पण से किया गया।