काशीसमाचार

ज्ञानवापी के अलावा पंचगंगा घाट पर औरंगजेब ने बिंदु माधव मंदिर तोड़कर बनाया मस्जिद,जिसके मीनार से नजर आती थी दिल्ली

दारा शिकोह के वेद पढ़ने और अनुवाद करने का गुस्सा मंदिरों पर निकाला

वाराणसी।औरंगजेब से काशी में सैकड़ों मंदिर तोड़े जिसके साक्ष्य इतिहास में मिलते है पर काशी के जिन तीन प्रमुख मंदिरों पर औरंगजेब हमला कर मंदिर तोड़कर माजिद बनाया उसमे काशी के पंचगंगा घाट स्तिथ बिंदु माधव का प्राचीन मंदिर भी शामिल था जिसे तोड़कर धरहरा मस्जिद बनाया और खुद वहा नमाज भी पढ़ा आज भी ये मस्जिद धरहरा मस्जिद के रूप में जाना जाता है। वाराणसी के पंचगगा घाट पर बनी एक यह इमारत मस्जिद के बनने की तिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। लेकिन ये तो तय है कि इसका निर्माण औरंगजेब ने करवाया था। माना जाता है कि 17वीं शताब्दी में इस मस्जिद का निर्माण हुआ। इसके विशाल प्रांगण में बना विशाल फव्वारा इसकी पुराने वैभव की कहानी कहता है। इसके दो मीनार में से एक को समय ने गिराया तो दूसरे को सुरक्षा कारणों के चलते गिरा दिया गया। बताया जाता है की इन मीनारों से दिल्ली के लाल किले की रोशनी दिखाई देती थी।बताते हैं कि यहां पर स्थित बिंदू माधव मंदिर को गिराकर औरंगजेब ने इस मंदिर का निर्माण कराया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत धर्म विज्ञान विभाग के प्रोफेसर माधव जनार्दन रटाटे बताते है की एक समय दारा शिकोह जब काशी आया तो वो ज्ञानवापी के आदि विशेश्वर मंदिर दारा नगर के कृतवशेश्वर मंदिर और पंचगंगा घाट के बिंदु माधव मंदिर में आकर वेद का अध्यन करता था और इसका फारसी में अनुवाद करता था जिसके कारण औरंगजेब बेहद नाराज हुआ और इन तीनो ही मंदिरों को गिराने का शाही फरमान सुना दिया उसके बाद औरंगजेब के सेना ने इन तीनो मंदिरों को गिराकर मस्जिद बनवा दिया जिसमे पंचगंगा घाट का विंदू माधव मंदिर शामिल है जिसे अब धरधरा मस्जिद के रूप में जाना जाता है। यहां मंदिर तोड़ने के निशान आज भी मिलते है।

धरहरा मस्जिद जिसे बिंदु माधव मंदिर को तोड़कर बनाया गया

काशी का पंचगंगा घाट और इस इलाके में रहने वाले लोग भी बताते है की किस तरह से औरंगजेब ने बिंदु माधव मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाया और इतिहास लगातार इसकी गवाही देता है इस इलाके के रहने वाले इंद्र प्रकाश श्रीवास्तव कहते हैं हम सभी कागज जुटा रहे है जल्द ही इस पर कोर्ट में मुकदमा करेंगे और अपने अधिकार और हिंदू धर्म की निशानी वापस लेंगे।

धरहरा मस्जिद जो ASI के संरक्षण में है

वोही अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती बताते है की 1809 में पच्चास ऐसे स्थान थे जहा औरंगजेब ने मंदिर तोड़ा गया था और तब ही बिंदु माधव मंदिर जो को किला नुमा था उसे तोड़ा गया इसे भी शाही मस्जिद कहा जाता है स्वामी जितेंद्रन्नद बताते है की शाही मस्जिद ये उसे कहते है जिसे शाही फरमान पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया वो बताते है की ए ऐस आई संरक्षित इस धरहरा में जबरदस्ती नमाज पढ़ा जाता है और यह से दिल्ली भी नजर आता है और संत माधव दास का एक अदभुत निशानी था ये इसलिए इसे आज भी माधव दास का धरहरा कहा जाता है।

पंचगंगा घाट के किनारे सबसे ऊंची इमारत

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button