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तीन डाकघरों से कर्मचारियों ने उड़ाए एक करोड़ रुपए

एसएसपी ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश

गोरखपुर।जिले के तीन डाकघरों में बंद पड़े खातों से रुपए उड़ाने का मामला बढ़ता ही जा रहा है। 50 लाख रुपए का घोटाला अब की जांच में करीब एक करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। आशंका है कि घोटाले की रकम अभी और बढ़ सकती है। उधर, मामले की विभागीय जांच में दोषी पाए जाने वाले तीन कर्मचारियों के खिलाफ विभाग की ओर से पुलिस को तहरीर दे दी गई है।
सीनियर सुप्रीटेंडेंट आफ पोस्ट आफिस की टीम के सदस्यों की शिकायत पर एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने सीओ कैंट को मामले की जांच कर केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। एसएसपी ने बताया कि जल्द ही इस मामले में पुलिस केस दर्ज कर कार्रवाई करेगी।
3 डाकघरों से उड़ा दिए एक करोड़ रुपए
दरअसल, 6 महीने पहले कूड़ाघाट डाकघर में खातों से 10 लाख रुपये निकालने का मामला सामने आया था। वित्तीय अनियमितता के आरोप में प्रवर डाक अधीक्षक (एसएसपी) ने लिपिक शैलेन्द्र कुमार सिंह को निलम्बित कर जांच बैठा दी।
जांच के दौरान शहर के आधा दर्जन डाकघरों में इस तरह का खेल सामने आया। इसमें कूड़ाघाट के शैलेंद्र सिंह ने बंद पड़े खातों से करीब 53 लाख रुपए निकाल लिए थे। हालांकि जांच के दौरान उसने यूआरसी खातों में करीब 50 लाख रुपए जमा भी करा दिया।
इसके अलावा विश्वविद्यालय के डाकघर कर्मचारी गितेश पांडेय ने 23 लाख और प्रधान डाकघर के शैलेश पर 22 लाख रुपए डाकघर खातों से निकाले जाने का आरोप है। प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय के मुताबिक शुरुआती जांच में प्रधान डाकघर के सिस्टम मैनेजर की मिलीभगत से बंद पड़े खातों को सक्रिय कर करीब एक करोड़ की रकम निकालने का 3 डाकघरों में मामला सामने आया है।
आरोपितों ने जमा भी कर दिए 50 लाख रुपए
सूत्रों के मुताबिक, यह रकम अभी और बढ़ सकती है। उधर, मामला खुलने पर शुक्रवार को निलंबन की कार्रवाई से पहले आरोपियों ने करीब 50 लाख रुपये विभाग के यूसीआर खाते में जमा भी कर दिया। मामले की जांच दो सदस्यीय टीम कर रही है। जांच के दायरे में कई और शाखाएं भी आ गई हैं।
प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि सालों से बंद पड़े खातों में जमा सरकारी रकम निकालने के मामले में प्रधान डाकघर के सिस्टम मैनेजर शैलेष सिंह व विश्वविद्यालय शाखा के लिपिक गीतेश पांडेय के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर की गई है।
मामले की जांच दो सदस्यीय टीम कर रही है। घालमेल की रकम अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। वैसे आरोपियों ने शुक्रवार को विभाग के यूसीआर खाते में 40 लाख रुपये जमा कर दिए है। जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे हुआ बंद खातों से घालमेल
डाक विभाग के मुताबिक गोरखपुर जिले के अलग-अलग डाकघरों में हजारों की संख्या में ऐसे खाते है जो सालों से बंद पड़े है। सूत्रों के मुताबिक डाक विभाग में सक्रिय एक गिरोह ने सिस्टम मैनेजर शैलेश सिंह के माध्यम से इन खातों को सक्रिय कराया। उसके बाद कुछ खातों पर प्रधान डाकघर से एटीएम कार्ड जारी कराया गया। कुछ खातों से रकम ट्रांसफर कर दूसरे खाते में भेजी गई।
कुछ खातों से विड्राल के जरिए रकम निकाली गई
सूत्रों के मुताबिक, प्रधान डाकघर के खातों से करीब 10 लाख रुपये एटीएम से निकाले गए है। छह माह पहले एसएसपी कार्यालय में तैनात एक महिला कर्मचारी ने सिस्टम की पड़ताल के दौरान मामले को पकड़ा था। इसके बाद प्रवर डाक अधीक्षक ने जांच शुरू कराई तो मामले खुलने लग।

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