काशीसमाचार

नए साल में काशी गंगा विलास क्रूज से 32 स्विस मेहमान कोलकाता से काशी पहुंचेंगे

13 जनवरी को इन्हें लेकर वाराणसी से लेकर लंबी यात्रा पर निकलेगा क्रूज ,3200 किलोमीटर की होगी यात्रा, 50 दिनों का यह सफर भारत व बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा

वाराणसी। योगी सरकार विश्व के पर्यटन के मानचित्र पर काशी के नक़्शे को तेजी से उभार रही है। हवाई और सड़क परिवहन के बाद पर्यटक अब नदियों के रास्ते काशी आना चाहते है, जिससे वे भारत का प्राकृतिक सौंदर्य देख सकें। क्रूज़ 32 स्विस नागरिको को लेकर नए साल में वाराणसी पहुंचेगा। गुरुवार (22 दिसंबर) को गंगा विलास कोलकाता से रवाना हुआ है। यह 6 जनवरी को वाराणसी पहुंचेगी। यहां से 13 जनवरी को यह यात्रा काशी से डिब्रूगढ़ तक जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की सबसे लम्बी रिवर यात्रा (गंगा विलास क्रूज़) के टाइम टेबल का वाराणसी में विमोचन किया था।

क्रूज से आसमान का दृश्य

चुनार का भी करेंगे भ्रमण

काशी की धरती विकास के रोज़ नए आयाम लिख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी के पर्यटन को नई ऊंचाई देने में लगे हैं। सीएम ने उत्तर प्रदेश में विकास के साथ ही सुरक्षा का ऐसा माहौल दिया है कि पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। योगी आदित्यनाथ ने जिस टाइम टेबल का विमोचन किया था। वह गंगा विलास क्रूज़ कोलकाता से 32 स्विस नागरिकों को लेकर वाराणसी आ रही है। यह 6 जनवरी को वाराणसी पहुंचेगी। गंगा विलास क्रूज़ के निदेशक राज सिंह ने बताया कि 32 स्विस मेहमान वाराणसी में धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे तो यहां की संस्कृति से भी अवगत होंगे। यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखेंगे। साथ ही चुनार का भी भ्रमण करेंगे। 

क्रूज के अंदर पर्यटकों के साथ

सीएम ने 11 नवंबर को किया था टाइम टेबल का विमोचन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 नवंबर को टाइम टेबल का विमोचन किया था। गंगा विलास क्रूज़ के निदेशक ने बताया कि 32 स्विस मेहमान काशी और चुनार का भ्रमण करने के बाद इसी गंगा विलास क्रूज़ से देश की सबसे लंबी रिवर क्रूज़ यात्रा पर निकल जाएंगे। भारत में जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी रिवर क्रूज़ यात्रा वाराणसी से 13 जनवरी 2023 को निकलेगी। क्रूज़ गंगा विलास भारत में निर्मित पहला रिवरशिप है, जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) यात्रा कराएगी। ये यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी। 50 दिन का यह सफर भारत व बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। यह यात्रा विश्व विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी। यह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुज़रेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल हैं। यात्रा में उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज़ पर गीत संगीत ,सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की भी सुविधाएं होंगी। गंगा विलास क्रूज आधुनिक सुविधा से युक्त और पूरी तरह सुरक्षित होगा। 

क्रूज के अंदर बेड रूम

एक ही रिवर शिप द्वारा की जाने वाली सबसे लंबी यात्रा होगी। इस परियोजना ने भारत व बांग्लादेश को दुनिया के रिवर क्रूज़ नक्शे पर ला दिया है। भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन का यह नया क्षितिज खुला है। इससे भारत की अन्य नदियों में भी रिवर क्रूजिंग के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।

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