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बैंक कर्मचारी क्यो उतरे विरोध पर इसका क्या हो सकता है असर जानिए

बैंक कर्मियों का जबर्दस्त विरोध आगे आंदोलन की चेतावनी 

वाराणसी।सरकार द्वारा बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट को संसोधन करने के लिए सीत कालीन सत्र में पेश करने जा रही है जिससे किसी भी सरकारी बैंकों को कभी भी निजी हाथों में सौपा जा सके, वर्तमान में दो बैंको का निजीकरण प्रस्तावित है,  सरकार द्वारा प्रस्तावित इस निजीकरण से जिससे सबसे ज्यादा नुकसान आम और गरीबी तबके की जनता को होगा, आज सबसे ज्यादा देश के 80 प्रतिसत गरीब एवं पिछड़े वर्ग का खाता इन्ही बैंको में है, इन्ही सरकारी छेत्रों की बैंको ने तमाम सरकारी योजनाओं के माध्यम से इनको सहायता प्रदान करती है। इस प्रस्तवित निजीकरण योजना का यू0ऑफ0बी0यू0  ने पुरजोर विरोध किया है। उसी क्रम में यू ऑफ बी यू द्वरा प्रस्तवित धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम के क्रम में वाराणसी में बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया जिसमें बहुत संख्या में अधिकारी और कर्मचारि उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए यू0ऑफ0बी0यू0 के सह संयोजक अभिषेक श्रीवास्तव, यु0पी0बी0यू0 के के0 के0 चौबे, संजय शर्मा, अमिताभ भौमिक, ने सरकार द्वारा प्रस्तावित बैंको को निजीकरण का पुरजोर विरोध और भर्तस्ना की उन्होंने कहा कि सरकार के इस जनविरोधी नीति को किसी हाल में बैंकों के ऊपर नही लागू होने जिया जायेगा सरकार के इस कदम से आम जनता के साथ साथ गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार को नुकसान होगा और इसको किसी हाल में होने नही दिया जाएगा। उन्होंने ही बताया कि सरकार द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में सभी बैंकों के सभी कर्मी Ufbu के बैनर तले सड़कों पर उतर आज विभिन्न स्थलों पर सरकार की पूंजीपति समर्थित नीतियों के खिलाफ आवाज और नारे लगाए जा रहे है। सभा को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया जिनमें मुख्य रूप से अनन्त मिश्रा, सुशील पवन गुप्ता , नितिन सिंह, अवनीश सिंह अरविंद रायप्रमोद द्विवेदी, शीतल दुबे, बालेश्वर ,पूजा, अनंत मिश्रा, प्रवीण झा, आदि ने किया। सभा मे सैकड़ों की संख्या में अधिकारी  एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रही।

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