वाराणसी। संकट मोचन मंदिर पर इस्लामी आतंकवादियों ने जब बम से धमाका कर सैकडों लोगों की सिर्फ जान ही नहीं ली बल्कि हिन्दू और मुसलमानों के बीच नफरत और शक की दीवार खड़ी कर दी, तब विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सैकडों मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में संकट मोचन मन्दिर जाकर मन्दिर परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ किया, तब कहीं जाकर नफरत की आग कम हुई और सद्भावना और भरोसे का वातावरण बना। उसी समय से हर रामनवमी पर भगवान श्रीराम की आरती मुस्लिम महिलाओं के लिए परम्परा बन गयी। मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ मिलकर लमही के सुभाष भवन में भगवान श्रीराम एवं माँ जानकी की विधि विधान से आरती की। श्रीराम महाआरती के मुख्य अतिथि पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर एवं काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष महंत बालक दास जी महाराज ने मुस्लिम महिलाओं के साथ भगवान राम की स्तुति की। साम्प्रदायिक सौहार्द्र का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है, जहां सभी धर्मों के लोग भारत की उस महान संस्कृति को एक साथ जी रहे हैं जिसकी कल्पना हर देश अपने देश को समृद्ध बनाने के लिए करता है। मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में लिखा भजन गाया और उर्दू में लिखी आरती का गायन किया। फूलों से उर्दू में श्रीराम लिखा था, सजावटी दीपक तैयार किये गए और पूरे श्रद्धा के साथ महाआरती कर नफरत फैलाने वाले कट्टरपंथियों को जबाब दिया।
राजस्थान के करौली में हिन्दुओं के जुलूस पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया, इससे नफरत फैल गयी। आज मुस्लिम महिलाओं ने यह संदेश दिया की हम सभी पूर्वजों और परम्पराओं से एक हैं। कोई हमें अलग नहीं कर सकता।इस अवसर पर मुख्य अतिथि महंत बालक दास ने कहा कि भगवान श्रीराम संस्कृति के अखण्ड ब्रह्माण्ड के नायक हैं। कोई भी उनसे अलग नहीं। बिना राम के अखण्ड भारत के रहने वालों की कोई पहचान नहीं हैं। मुस्लिम महिलाओं द्वारा किया गया प्रयास इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक सबक है, वो भी नफरत छोड़कर राम के मार्ग पर चलें तो नफरत का पात्र होने से बच जाएंगे।मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भारतभूमि का जो हिस्सा प्रभु श्रीराम से अलग हुआ, आज वह नफरत, हिंसा और गरीबी की दुर्दशा झेल रहा है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सभी हिंसा की आग में जल रहे हैं क्योंकि ये सब अपने पूर्वजों से अलग हो गए। आज की तारीख में ये देश भगवान श्रीराम की स्तुति करें और भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलें तो फिर से शांति और समृद्धि पा सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तभी रुकेगा, जब वहाँ के लोग सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखकर यह सलाह जरूर दूँगी।
रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि भगवान श्रीराम के साथ उनके तीनों भाइयों की पूजा और चारो माताओं की स्तुति से घर परिवार में समृद्धि आएगी और शांति बनी रहेगी। शांति और एकता के लिए रामपंथ ही एकमात्र विकल्प है। प्राणियों में सद्भावना की वकालत करता है रामपंथ। श्रीराम महाआरती में नगीना बेगम, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, इली भारतवंशी, डॉ० मृदुला जायसवाल, नाजमा, रुखसाना बीबी, रुखसार बेगम, जफरीन, गुंजा बेगम, मेहफात्मा, नाजिया बेगम, नगीना, तबस्सुम, शमीमा, तहमीना, सोनी बेगम, सबीना बेगम आदि महिलाएं शामिल रहीं।