वाराणसी। काशी में 5 मई को सी एम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के परिसर एवं सभागार में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ग्रीन गंगा ईको सोसायटी व बाल सेना क्लब के संयुक्त तत्वावधान मेंविशाल पौधारोपड़ एवं औषधीय वनस्पतियों व मानव जीवन विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया साथ ही फ्रन्टियर स्प्रिंग लिमिटेड कानपुर के सहयोग से कॉलेज के परिसर में पुनर्निर्मित नवीन ड्रेनेज सिस्टम का लोकार्पण भी मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में जिला विद्यालय निरीक्षक श्री विनोद राय जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर विशिष्ट उपस्थिति रही ग्रीन गंगा सोसायटी के पदाधिकारी एवं विधिवेत्ता पं त्रिपुरारी शंकर जी एवं टाटा मेमोरियल कैसर इंस्टिट्यूट वाराणसी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ ओ पी शर्मा की ।कार्यक्रम संचालन एवं स्वागत किया सी एम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं बाल सेना के संरक्षक डॉ विश्वनाथ दुबे जी तथा सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल संयोजन किया ग्रीन इको सोसायटी के सचिव एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रमेश भाटिया जी ने ।
इस अवसर पर प्रबुद्ध जनो की गरिमामयी उपस्थिति रही जिनमे प्रमुख थे पर्यावरण सेवी श्रीमती सरोज भाटिया तथा समाजसेवी डॉ रजनीश उपाध्याय कलाकार डॉ प्रीतेश आचार्य आदि।इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियो द्वारा माँ सरस्वती के विग्रह एवं मनीषी श्री चिंतामणि जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर हुआ।
सर्वप्रथम अतिथियो का माल्यार्पण एवं स्वागत करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विश्वनाथ दुबे ने कहा कि ग्रीन इको सोसायटी के हर सकारात्मक प्रयास में सी एम एंग्लो बंगाली कॉलेज परिवार पूर्ण शक्ति के साथ है । इसके उपरांत डॉ रमेश भाटिया जी ने फ्रन्टियर स्प्रिंग लिमिटेड के आर्थिक सहयोग के प्रति साधुवाद व्यक्त करते हुए ग्रीन इको सोसायटी द्वारा भविष्य में भी विद्यार्थीयों में पर्यावरण चेतना जागृत करते रहने के संकल्प को व्यक्त किया। इस अवसर पर चिकत्सक डॉ ओ पी शर्मा ने नव ग्रहों के प्रभाव को अनुकूल करने वाले पौधों की चर्चा की। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ विनोद राय जी ने कहा कि भावी पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति चेतना का निर्माण करना ही होगा तभी समाज मे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक परिणाम आ सकेंगे । अंत मे मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य जी ने अपने उद्बोधन में कहा किपर्यावरण संरक्षण संतुलन मे यदि कोई विकार आ रहा ह तो इसके लिये समाज को सचेत होना होगा जिसमें विद्यार्थियों की विशेष भूमिका हो सकती।आपने सोसायटी हेतु इसी प्रकार सक्रिय रहने की आशा व्यक्त की उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण प्रकृति को क्षिति जल पावक गगन समीर के रूप में जाना जाता हैं और इसके संतुलन से पर्यावरण अनुकूल रह पाता है । और इस पर्यावरण के प्रत्येक विकारों को दूर करने वाले पेड़ पौधे तो अपनी क्षति का पुनर्निर्माण कर लेने में भी सक्षम है । प्रकृति के संतुलन में भी इन्ही वनस्पतियो का योगदान है अतः पर्यावरण की सुरक्षा हेतु इनका संरक्षण अनिवार्य हैं। पर्यावरण संरक्षण हेतू अपने अंतःकरण को शुद्ध करना होगा अन्यथा इस समस्या का निवारण नही होगा आवश्यकता है कि हम इन पेड़ पौधों को जीने दे क्योकि यही पेड़ पौधे हमारे जीवन को आधार प्रदान दान करते है