श्री काशी विद्वत् परिषद् द्वारा अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन को समर्थन
श्री काशी विद्वत् परिषद् दृढतया मानती है कि दार्शनिक क्षेत्र में यह आज के युग का महान कार्य है।
वाराणसी। श्रीकाशी विद्वत् परिषद् भारतीय वैदिक सनातन धर्म की विश्व प्रसिद्ध संस्था है। इस परिषद् द्वारा भगवान स्वामिनारायण प्रबोधित अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन को समर्थन दिया गया है। विश्वविख्यात अक्षरधाम मंदिरों के निर्माता परम पूज्य प्रमुख स्वामी जी महाराज के शिष्य महामहोपाध्याय स्वामी भद्रेशदास जी महाराज ने संपूर्ण प्रस्थानत्रयी पर स्वामिनारायण भाष्य और स्वामिनारायण सिद्धांत सुधा नामक वादग्रंथ की रचना की है। श्रीकाशी विद्वत् परिषद् दृढतया मानती है कि दार्शनिक क्षेत्र में यह आज के युग का महान कार्य है।
श्री काशी विद्वत् परिषद् ने वारंवार चर्चा-विमर्श द्वारा इन ग्रंथों को परखा और अपना समर्थन भी दिया है। श्री काशी विद्वत् परिषद् ने यह प्रमाणित किया कि यह अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन संपूर्णतः स्वामिनारायण भगवान के वचनामृतों से प्रस्थापित है और वैदिक सनातन धर्म की पुष्टि करता है। अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन के प्रतिपादन से स्वामिनारायण संप्रदाय को एक विशेष पहेचान मिली है। श्रीकाशी विद्वत् परिषद् मानती है कि अक्षरपुरुषोत्तम सिद्धांत भी स्वामिनारायण संप्रदाय का मूलभूत सिद्धांत है, इसमें कोई शंका को स्थान नहीं है।श्री काशी विद्वत् परिषद् ने यह भी सूचित किया है कि काशी की किसी पंडित सभा में श्री काशी विद्वत् परिषद् ने अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन का खंडन नहीं किया है। अतः ऐसे भ्रांतिजनक समाचारों से पाठक दूर रहें।परिषद् ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी संप्रदाय की शाखाओं में प्रवर्तित मतभेदों से परिषद् का कोई संबंध नहीं है। विद्वत् परिषद् हमेशा तटस्थता से और विद्वत्ता के आधार पर निर्णय करती है। इसी तटस्थता और विद्वत्ता के आधार पर विद्वत् परिषद् ने अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन को समर्थन दिया है।श्री काशी विद्वत् परिषद् ने यह भी कहा कि वेदांत के क्षेत्र में शास्त्रीय रीति से आये नये विचारों का हमेशा स्वागत होना चाहिए। पवित्र गंगा कभी किसी नये घाट के बनने से बाधित नहीं होती है अपितु उससे प्रसन्न होती है। उसी तरह से वैदिक सनातन धर्म की छत्रछाया में स्वामिनारायण संप्रदाय का अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन भी वेदांतगंगा पर उभरा एक पवित्र घाट है।परिषद् के नवनिर्मित भवन में भगवान स्वामिनारायण प्रबोधित अक्षरपुरुषोत्तम दर्शन के वैश्विक योगदान विषय में भव्य पंडित सभा का आयोजन किया जायेगा। काशी सहित भारत देश के मूर्धन्य पंडितो नें इस आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार किया है। प्रस्थानत्रयी भाष्यकार स्वामी भद्रेशदास जी महाराज स्वयं इस सभा को सुशोभित करेंगे।