धर्म
धान की बालियों से क्यो सजा माँ अनपूर्णा का दरवार जानिये
साल में एक बार माता अन्नपूर्णा का 17 दिनों का व्रत होता है
वाराणसी।काशी वह अद्भुत शहर है जहां पर धर्म और आस्था का समागम देखने को मिलता है. इस शहर में एक तरफ जहां बाबा भोलेनाथ विराजमान हैं तो वहीं दूसरी तरफ मां पार्वती अन्नपूर्णां के रूप में यहां लोगों की भूख मिटाती हैं. भगवान शंकर भी माता अन्नपूर्णां से ही भिक्षा लेकर अपनी क्षुधा को शांत करते हैं लेकिन, साल में एक बार माता अन्नपूर्णा का 17 दिनों का व्रत होता है. इस दिन माता अन्नपूर्णा के दरबार को किसानों के द्वारा लाए गए नए धान की बालियों से सजाया जाता है. काशी में यह उत्सव धूमधाम के साथ माता के मंदिर में मनाया गया.