स्वास्थ

बीएचयू वैज्ञानिक ने खोजा बिना ऑपरेशन के सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने का तरीका

डॉ. समरेन्द्र सिंह के अध्ययन में सामने आए उत्साहजनक परिणाम

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान स्थित जैवप्रौद्योगिकी स्कूल में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समरेन्द्र सिंह ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्ययन किया है जिसमें बेहद उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। इस अध्ययन में रोगियों में बिना चीरफाड़ के सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने का तरीका ढूंढ निकाला गया है। अध्ययन में डॉ. समरेन्द्र सिंह एवं उनकी टीम ने पाया कि सर्वाइकल कैंसर रोगियों के रक्त-नमूनों में सर्क्युलेटिंग सेल फ्री डीएनए की मात्रा बढ़ जाती है। उन्होंने दिखाया कि कैंसर रोगी के रक्त नमूनों का उपयोग करके, नॉन-इनवेज़िव तरीके से (बिना चीरफाड़ के) वे रोगियों में ट्यूमर लोड का निदान कर सकते हैं और चिकित्सा/सर्जरी के परिणामों का भी अध्ययन कर सकते हैं (सर्वाइकल कैंसर का पता लगा सकते हैं एवं इलाज की प्रगति को देख सकते हैं)।

डॉ. समरेन्द्र सिंह और उनकी टीम

यहअध्ययन रेडियोथेरेपी और विकिरण चिकित्सा विभाग, आईएमएस, बीएचयू के सहयोग से किया गया था। वे आगे इस शोध के विस्तार में देख रहे हैं कि कैंसर के रोगियों में सर्क्युलेटिंग सेल फ्री डीएनए बड़ी मात्रा में क्यों उत्पादित होता हैं । पूरा होने पर यह अध्ययन सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए निदान विकसित करने में बहुत उपयोगी हो सकता है जो दुनिया भर में महिलाओं की मृत्यु के शीर्ष कारको में से एक है। ये अध्ययन अपनी तरह का पहला ऐसा अध्ययन है, जो जर्नल ऑफ कैंसर रिसर्च एंड थेराप्यूटिक्स (जेसीआरटी) नामक प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस शोध के नतीजे सर्वाइकल कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण नई दिशा दिखा सकते हैं, क्योंकि अभी तक सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने का एकमात्र तरीका टिश्यू बायोप्सी ही था, जो काफी दर्द भरा तो होता ही है, ये सबके लिए आसानी से उपलब्ध भी नहीं होता। डॉ. सिंह ने ये अध्ययन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान की एक प्रयोगशाला में किया जो कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान करती है, विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर। अपने अध्ययन के लिए, वे विभिन्न आणविक जीव विज्ञान, जैव रसायन, और संरचनात्मक जीव विज्ञान उपकरणों का उपयोग करते हैं। वे जांच करने की कोशिश करते हैं कि कैंसर कोशिकाओं में कोशिका चक्र (सेल साइकिल) व्यवहार गलत तरीके से क्यों विनियमित हो जाता है।

सम्पर्क सूत्रः डॉ. समरेन्द्र सिंह- 8707400665

 

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