वाराणसी। महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में किया जाता है। इस वर्ष सोमवार 28 फरवरी को रात 1.59 बजे चतुर्दशी लग रही है जो मंगलवार एक मार्च को रात 12.17 बजे तक रहेगी। बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय के अनुसार अर्धरात्रिव्यापिनी ग्राह्य होने से एक मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस बार महाशिवरात्रि में शिव योग का संयोग प्राप्त हो रहा है। एक मार्च को दिन में 10. 38 बजेसे शिव योग लग रहा है जो पूरे दिन व रात्रि रहेगा। यह सफलतादायक योग होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रतिपदा आदि सोलह तिथियों के स्वामी अग्नि आदि देवता होते हैं। अतः जिस तिथि का जो देवता स्वामी होता है, उस देवता का उस तिथि में व्रत पूजन करने से उस देवता की विशेष कृपा उपासक प्राप्त होती है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं अर्थात शिव की तिथि चतुर्दशी है, इसीलिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी में शिवरात्रि व्रत होता है, जो मास शिवरात्रि व्रत कहलाता है।
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