
वाराणसी।विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में सोमवार को बनारस में मतदान हल्की झड़प व कहासुनी के बीच शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। जिले के आठों विधानसभा क्षेत्रों के 3371 बूथों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो। शाम छह बजे तक चला। इसमें कुल 30 लाख 80 हजार 848 मतदाताओं में से केवल 58.80 फीसद ने मतदान किया। शेष घरों में कैद रहे। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां 61.63 फीसद मतदान हुआ था, इस तरह इस बार 2.83 फीसद कम वोटिंग हुई।शहर के गण्यमान्य लोगो ने भी मतदान कर लोगो को जागरूक करने की कोशिश की इस दौरान पद्म श्री राजेश्वर आचार्य ने भी मतदान किया।

गांवों में भी वोटिंग सुबह से लेकर शाम तक चली लेकिन इसमें पिछले विधानसभा चुनाव की तरह रवानी नहीं दिखी। ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र अजगरा, रोहनिया, सेवापुरी व शिवपुर ने 60 फीसद मतदान को स्पर्श किया तो ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र पिंडरा में 57.84 फीसद ही मतदान हुआ। शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र दक्षिणी, उत्तरी व कैंट 60 फीसद का भी आंकड़ा पार नहीं कर सके।
इन्हें तत्काल टीम भेज कर ठीक कराया गया। शायद इसके बाद उन्होंने क्षेत्र में चक्रमण कर बूथों का भी व सपो जायजा लिया। दूसरी तरफ मतदान के दौरान वोटर अधिक लिस्ट में नाम न होने की भी शिकायत अच्छी खासी ही भीड रही। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत कंट्रोल रूम में शंक की तो कुछ ने सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी से उत्तर, बात की दूसरी तरफ शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के कोण घन्नीपुर में बूध के आगे चौकी पर बैठे भाजपा के अच्छ मंडल अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि कुछ के बीच पुरानी बातों को लेकर मारपीट हुई। वहीं बहुत कैबिनेट मंत्री नीलकंठ तिवारी को दक्षिणी विस क्षेत्र कम के कोनिया बूथ पर रोकने को लेकर कहासुनी हुई।
इस बार लोकतंत्र के उत्सव में रंग भरने के लिए प्रशासन की ओर से 120 माडल बूथ बनाए गए थे। प्रत्येक बूथ पर सेल्फी प्वाइंट युवाओं व महिलाओं “के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। सकुशल मतदान को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलराज शर्मा ने कंट्रोल रूम की कमान कुछ देर स्वयं संभाली।