काशीसमाचार

पिता की मौत के बाद परिजन तक नही आए तो बेटी ने दी मुखाग्नि

काशी में पिता को मोक्ष दिलाने के लिए बेटियां आगे आयी

वाराणसी। वाराणसी के मिर्जामुराद में बेटी को आखिरकार परिजनों के सामने न आने की वजह से पिता के शव को मुखाग्नि देकर नजीर पेश की है। वहीं ग्रामीणों ने रिक्शा-ट्राली चालक के अंतिम संस्कार में भी मदद कर बेटी के हौसले को बढ़ाया है। दरअसल काफी समय से बीमार विवाहिता के पिता की मौत होने की जानकारी मिलने पर वह परिवार के अन्‍य करीबियों के सामने अंतिम संस्‍कार के लिए निवेदन करने पहुंची तो परिजनों और रिश्‍तेदारों की ओर से ना- नुकुर सुनने के बाद खुद ही अंतिम संस्‍कार और मुखाग्नि का फैसला किया। समाज के बदलते माहौल में अब बेटियां किसी मामले में बेटों से कम नही हैं। बेटा न होने की कमी को पूरा करते हुए मंगलवार को अपरान्ह आखिर विवाहित बेटी प्रीति गुप्ता 26 वर्ष ने ही अपने हाथों बूढ़े पिता को अदलपुर घाट पर लगी चिता में मुखाग्नि देकर बेटा-बेटी में भेदभाव रखने वाले समाज को एक संदेश दिया। इस मामले की जानकारी क्षेत्र में होने के बाद बेटी के फैसले से लोग हतप्रभ भी हुए और उसका साथ भी दिया।दरसल हूंआ यह कि मिर्जामुराद के गौर गांव निवासी रिक्शा -ट्राली चलाने वाले बचाऊ गुप्ता (73 वर्ष) की लंबी बीमारी के चलते मंगलवार की सुबह निधन हो गया। भाई और भतीजा जब अंतिम संस्‍कार के लिए आगे नहीं आए तो गांव वालों ने आगे बढ़कर गरीब परिवार की मदद करते हुए उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। रिक्शा चालक की पत्नी सावित्री का दो वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। एकलौती बेटी प्रीति गुप्ता ही पिता का सहारा थी। सब कुछ हो जाने के बाद मुखाग्नि देने की समस्या दिखी तो इस पर विवाहित बेटी ने ही आगे बढ़ शव को कंधा देते हुए घाट पर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार कर उनका श्राद्ध कर्म की परंपरा का निर्वहन किया। बेटी द्वारा बढ़ाएं गए इस कदम की क्षेत्र में खूब चर्चा होती रही।

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