
वाराणसी।वाराणसी में आखिरकार आज हमारे लंबे संघर्ष के साहिल को एक छोटा सा मुकाम हासिल हो हीं गया….हृदय रोग के वरिष्ठ डॉ ओमशंकर बताते है की 2011 में जब हमलोगों ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में काम करना शुरू किया था तो किसी भी विश्वविद्यालय के हृदय माने जानेवाले, हृदय रोग विभाग की हालत दयनीय और सबसे कमजोर मानी जाती थी। बनारस क्या पूरे पूर्वांचल और यहां तक कि बिहार तक में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी तक कि सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी।पिछले 11 सालों के लगातार प्रयास से हमलोगों ने यहाँ एंजियोग्राफी, कॉम्प्लेक्स एंजियोप्लास्टी, EP/RFA से लेकर दिल के सुराख को बंद करने तक कि सुविधाएं उपलब्ध करवाई।इसके साथ-साथ हमलोग हृदय विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदर लाल अस्पताल, तथा उत्तर प्रदेश और पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करते रहे, जिसकी वजह से BHU सहित पूरे देश की स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार की प्रार्थमिक्ताओं में शामिल हुई, IMS, BHU को एम्स तरह की सुविधाएं मिली, और 4 नए भवनों का निर्माण सम्भव हो पाया।इसी कड़ी में आज हृदय रोग विभाग का भी विस्तार हुआ। 55 के आस-पास नए बिस्तर हृदय रोग विभाग में आधुनिक सुविधाओं के साथ उपलब्ध हुई। नये कैथ लैब का आवरण, उद्घाटन और लोकार्पण हुए।

आज इस प्रोग्राम के पेट्रोन इन चीफ थे कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन, मुख्य अतिथि थे पद्मविभूषण डॉ टी0 एस0 क्लेर , चेयरमैन फोर्टिस मैमोरियल हॉस्पिटल, गुरुग्राम, विशिष्ठ अतिथि थे डॉ दिलीप कुमार, निदेशक, कैथलैब मेडिका सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोलकाता और डॉ नीरज अवस्थी, इंचार्ज डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड कंजेनिटल हार्ट डिजीज, मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली।प्रधानमंत्री मंत्री जी को ये सुविधाएं यहां उपलब्ध करवाने के लिए पूरे IMS, BHU परिवार की ओर से धन्यवाद।
