काशीसमाचार

कैसे बनारस शहर का बिजली का बिल हुआ आधा जानिए

एलईडी व सीसीएमएस सिस्टम ने किया कमाल

वाराणसी। योगी सरकार का ध्येय प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ ही गैर जरूरी खर्चों को कम करने पर भी है। बिजली का समुचित प्रबंधन भी इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी क्रम में वाराणसी नगर निगम बड़े पैमाने पर बिजली की खपत को कम करते हुए सरकार के राजस्व को बचाने का कार्य कर रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार वाराणसी नगर निगम का बिजली का बिल पहले से लगभग आधा हो गया है। इससे बिजली की कीमत बढ़ने के बाद भी बिजली के बिल का भार निगम पर नहीं बढ़ा है।काशी की जिन सड़कों और गलियों में आप चलते हैं, उसे नगर निगम रौशन करता है। 2017 में योगी सरकार बनने के बाद नगर निगम की 36,000 सोडियम लाइट को हटाकर इतनी ही एलईडी लाइट्स में बदलने की कवायद शुरू हुई। नगर निगम के इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल विभाग के अधिशाषी अभियंता अजय कुमार राम ने बताया कि एक सोडियम लाइट की बिजली की खपत लगभग 200 से 250 वाट होती थी। उसकी जगह लगी एलईडी से सिर्फ 90 वाट में सड़क व गालियां रौशन होने लगी हैं। इससे पूरे नगर निगम की बिजली की खपत एक महीने की 5300 किलोवाट से घट कर महज 2600 किलो वाट रह गई है। मतलब नगर निगम ने बिजली की खपत को आधे पर ला दिया है। 

बनारस में बिजली का बिल एलईडी के कारण हुआ आधा

अजय कुमार राम ने बताया कि पहले बिजली का दाम 2000 रुपये किलोवाट प्रति माह था। जो बिजली के रेट बढ़ने के बाद 4200 रुपये किलोवाट प्रति माह हो गया, लेकिन एलईडी लाइट ने बिजली के बिल को थाम के रखा और बढ़ने नहीं दिया। इसके अलावा 25 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़ी हैं, जिससे स्ट्रीट लाइट निर्धारित समय पर अपने आप जलती और बंद हो जाती है, जो बिजली बचाने में काफी सहायक हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button