वाराणसी।सर्दी बढ़ने के साथ एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा के मरीज बढऩे की आशंका रहती है। इसके कारण वाराणसी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी सरकारी चिकित्सालयों के प्रमुख चिकित्साधीक्षक एवं प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधीक्षक को बीमारी के प्रति सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। साथ ही इन्फ्लूएंजा एच-1 एन-1 वायरस के मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने और जांच, दवा व अन्य संसाधनों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ ने एच-1 एन-1 इन्फ्लूएंजा के कारणों, रोकथाम व उपचार की जानकारी आम नागरिकों तक पहुंचाने का भी निर्देश दिया है ।जिला सर्विलांस अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया* ने बताया कि स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की बीमारी है जो कि आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के एच-1 एन-1 के कारण होती है। स्वास्थ्य विभाग ने एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा को वर्तमान में सिजनल इन्फ्लुएंजा की श्रेणी में रखा है। यह उन लोगों को अधिक प्रभावित करती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी बीमारी के कारण कम हो गई हो। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छीकने या उसके संपर्क में रहने से फैलता है।
*इन्फ्लुएंजा के लक्षण -*
डॉ कनौजिया ने बताया कि बुखार, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, बदन दर्द, ठंड लगना व आंखों में लालिमा आना इस रोग के मुख्य लक्षण हैं । इस वायरस के कारण लोगों को बुखार, सर्दी जुकाम, संक्रमण, सिर दर्द जैसी बीमारियाँ हो सकती है । इसमें ठंड और गर्मी बारी-बारी से होने लगती है और बुखार तेज़ी से बढ़ने लगता है । सही उपचार न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है । गंभीर होने पर सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, खांसी में खून आना और बेहोशी की स्थिति जैसे लक्षण दिख सकते हैं । संक्रमित बीमारी के चपेट में आने से अधिकांश जोखिम में गर्भवती, नवजात, वृद्धजन, रोग प्रतिरोधक क्षमता से कमजोर, चिकित्सीय एवं सर्जिकल बीमारी, लम्बे समय से दवा खा रहे व्यक्ति हैं । उन्होंने बताया कि वाराणसी में इस बीमारी से निपटने के लिए बीएचयू में जांच सहित उपचार की व्यवस्था है । इसके अलावा सीएमओ द्वारा स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए पं. दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय, लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सालय, श्री शिव प्रसाद मंडलीय चिकित्सालय सामुदायिक एवं प्राथमिक सवास्थ्य केंद्रों को सतर्कता बरतने और बेड आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया गया है । सभी ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर इसके बचाव की दवा निःशुल्क मौजूद हैं ।
*बचाव के तरीके*
० छींकते समय टिश्यू पेपर से मुंह, नाक को ढकें और फिर उस पेपर को फौरन सावधानी से कचरे के डिब्बे में डाल दें ।
० अपने हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें अपने घर, ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि साफ करते रहें ।
० लगातार पानी पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन ना हो ।
० घर से बाहर निकल रहे हों तो फेसमास्क पहनकर ही निकलने की कोशिश करें ।