बीएचयू में बेड होने के बावजूद वापस किए गए 12 हजार मरीज , कई की हुई मौत
12 हजार से अधिक मरीज को वापस किया गया इसके विरोध में बीएचयू के डॉक्टर खुद करेंगे आंदोलन

वाराणसी । बीएचयू अस्पताल में एम्स का दर्जा प्राप्त कर चुका बीएचयू अस्पताल लोगो की मौत का कारण बन रहा है सुनने में भले ही ये अजीब लगे पर ताजा आंकड़े यही कहते है दरसल बीएचयू के कार्डियोलोजी विभाग में बेड खाली होने के बावजूद मरीजों को बेड पिछले 9 महीने से नहीं दिए जा रहे है जिसके कारण अभी तक ये अस्पताल हृदय रोग के करीब 12 हजार से अधिक रोगियों को लौटा चुका है और अभी भी यही स्थिति जारी है अस्पताल प्रबंधन के कुछ न करने के कारण अब अस्पताल के कार्डियोलोजी डिपार्टमेंट के हेड आंदोलन करने की बात कर रहे है।
बीएचयू का ये सर सुंदरलाल अस्पताल जिसे एम्स का दर्जा तक मिल चुका है पर यहां हृदय रोगियों की मौत की संख्या बढ़ गई है इसका सीधा कारण है मरीजों को समय पर इलाज न मिलना और बेड न मिलना दरअसल बीएचयू के हृदय रोग विभाग में कुल 86 बेड है मरीज भर्ती के लिए उनमें से आधे बेड खाली पड़े हुए है कोई मरीज नहीं है इसके बावजूद अस्पताल हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को बेड नहीं दे रहा है ऐसे एक मरीज से मुलालत हमारी भी हुई उसने बताया की वो बिहार से इलाज के लिए आया है पर उसे बेड नहीं दिया जा रहा है ये बात उसके पर्चे में भी लिख दिया गया है जबकि हकीक्कत में बहुत सारे बेड खाली है यही बात कार्डियोलोजी डिपार्टमेंट के हेड भी बता रहे है। बेड खाली रहते हुए न देना जिसकी वजह से मरीजों की मौत हो रही है जिसकी शिकायत उन्होंने कुलपति तक की है पर अभी तक कोई जवाब नही आया है एक मरीज ने तो अपनी दादी की मौत की शिकायत भी की है पर कोई फायदा नहीं हो रहा है अब बीएचयू के कार्डियोलोजी के हेड डॉ ओमशंकर मरीजों के साथ मिलकर आंदोलन की बात कर रहे है