वाराणसी में लगी किसानों की अदालत जानिए क्यों
काल्र्पनिक "किसान अदालत" लगाकर मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना की हुई सुनवाई
वाराणसी। कचहरी स्थित अम्बेडकर पार्क मे संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट योजना से पीड़ित किसान बनाम ट्रान्सपोर्टर एवं अन्य के मुकदमे की सुनवाई हेतु लगी काल्पनिक अदालत।डिवीजनल खण्ड पीठ ने किसानो के पक्ष को वैधानिक बताते हुये शासन – प्रशासन को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का पालन करने का दिया स्पष्ट निर्देश।
किसान अदालत मे न्यायधीश की भूमिका मे रहे पूर्व जिला जज जस्टिस कृण्ण कुमार सिंह, सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष प्रभुनरायण पाण्डेय, वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद श्रीवास्तव। अम्बेडकर पार्क मे संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट योजना से पीड़ित किसान बनाम ट्रान्सपोर्टर एवं अन्य के मुकदमे की सुनवाई हेतु दोपहर 12 बजे से 02 बजे तक लगी “किसान अदालत”। तीन जजो की डिवीजनल खण्ड पीठ मे पूर्व जिला जज / पूर्व अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम जस्टिस कृण्ण कुमार सिंह की अध्यक्षता मे सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष प्रभु नरायण पाण्डेय एवं वरिष्ठ अधिवक्ता दीवानी श्री मिलिंद श्रीवास्तव न्यायाधीश की भूमिका का निर्वहन किये , उक्त तीन जजो की खण्ड पीठ के सामने किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक विनय शंकर राय “मुन्ना” ने भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के खण्ड 24, धारा 5(1) और सेक्शन 101 का साक्ष्य देते हुये कहा कि पाँच वर्ष मे कोई भी योजना विकसित होकर चालू नही होती है तो स्वतः निरस्त मानी जायेगी तथा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी द्वारा जनसूचना के तहत दिये गये जबाब मे स्पष्ट लिखा है कि निर्मित मकान, पंपिगसेट, पेड़, व्यवसायिक प्रतिष्ठान का न मुआवजा दिया गया है न नोटिफिकेशन मे एवार्ड है अर्थात जिन हजारो लोगो का घर , पम्पिगसेट, व्यवसायिक प्रतिष्ठान बना है या पेड़ इत्यादि का कोई मुआवजा नही मिलेगा
जिससे हजारो लोगो के सिर से छत उठ जायेगा लोग बेघर एवं बेरोजगार हो जायेगे, जो 2013 पुनर्वास कानून का खुला उलंघन है, साथ ही मुख्यसचिव महोदय के निर्देशानुसार भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना रद्द कर किसानो की जमीन अवमुक्त करने के लिये डिनोटिफाई हेतु दिनांक 26/07/2021 को जिला अधिकारी वाराणसी द्वारा निदेशक राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश शासन को भेजे गये संस्तुति पत्र के बाद पुनः पुराने 1998 के अधिसूचना के आधार पर कब्जे की प्रक्रिया अपनाना और किसानो से बीस वर्ष का किराया एवं मुकदमे की धमकी इत्यादि का साक्ष्य देते हुये विनय राय ने जोरदार तरीके से किसानो का पक्ष रखा, किसानो का पक्ष रखते हुये पूर्व महामंत्री बनारस बार नित्यानंद राय ने कहा कि भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून की अनदेखी कर अपने प्रशासनिक पद का दुरूपयोग करने वाले जिम्मेदार अधिकारियो की जबाब देही तय कर वैधानिक कार्रवाई होनी चाहिये , अधिवक्ता शैलेन्द्र राय ने किसानो का पक्ष रखते हुये दावा , साक्ष्य एवं सबूत पेश करते भूमि अर्जन कानून 2013 के सेक्शन 2 , 24, 101 का हवाला देते हुये किसानो की जमीन वैधानिक रूप से अवमुक्त कर जमीन के राजस्व अभिलेखो मे पुन: किसानो का नाम चढ़ाकर विकास प्राधिकरण वाराणसी का नाम काटने की पैरवी करते हुये प्रशासन के तानाशाह रवैये को अवैधानिक एवं गैरकानूनी बताया किसानो का पक्ष अधिवक्ता संजीव सिंह’ने कहा कि प्रशासन कानून का रक्षक की जगह भक्षक हो गया है जो दुराशयपूर्ण है । प्रशासन का पक्ष अधिवक्ता दीपक राय “कान्हा” ने कहा कि विकास के लिये जमीन अधिग्रहण करना आवश्यक है एवं ट्रान्सपोटरो का पक्ष अधिवक्ता रविन्द्र यादव ने कहा कि ट्रान्सपोर्ट नगर रिग रोड के बाहर बनना चाहिए। किसान मेवा पटेल, प्रेम शाह, अमलेश पटेल, दिनेश तिवारी, छेदी पटेल, हृदय नरायण उपाध्याय ने अपने साथ हो रहे उत्पीड़न और अवैधानिक कार्य तथा सामाजिक और आर्थिक परेशानियो सहित सरकारी योजनाओ से वंचित होने का प्रमाण दिया , तीन जजो की पीठ ने विस्तृत बहस एवं जिरह सुनने के बाद साक्ष्य एवं सबूत का परीक्षण कर गुण दोष के आधार पर किसानो के पक्ष मे फैसला सुनाया कि भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना या तो रद्द हो या वर्तमान सर्किल दर का चार गुना मुआवजा सरकार दे, जमीन पर निर्मित भवन, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, पम्पिगसेट इत्यादि सहित पेड आदि का मुआवजा उक्त कानून के आधार पर सरकार देकर कानून का अनुपालन करे या योजना रद्द करे , वाराणसी जिला प्रशासन पूर्णतया कानून का गला घोट रहा जो सरकारी पद का खुला दुरूपयोग है , सरकारी अधिकारियो की जबाब देही तय करे सरकार, पुकार मुन्शी जीतलाल ने किया।
उक्त वैधानिक फैसले को आधार बनाकर शासन प्रशासन से वैधानिक वार्ता कर किसानो को वैधानिक अधिकार दिलाने का किसान अदालत मे उपस्थित दर्जनो अधिवक्तागण ने बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने संकल्प लिया, उपस्थित अधिवक्ताओ ने 2013 भूमि अधिग्रहण कानून के अनुपालन की मांग करते हुये कहा कि कानून के रक्षक भक्षक बनेगे तो न्याय दिलाने वाले कानून के रखवाले (अधिवक्ता समाज) किसानो के जमीन की नि:शुल्क रखवाली करेगे , किसान अदालत के बाद सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष प्रभु नरायण पाण्डेय, वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज यादव, शैलेंद्र राय,पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय, दीपक राय “कान्हा ” , मिलिंद श्रीवास्तव ने कहा कि अन्नदाता (किसानो) का पक्ष पूर्णतया वैधानिक रूप से मजबूत है इसलिये वाराणसी का अधिवक्ता समाज आज संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने संकल्प लिये है कि मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना से प्रभावित किसानो के हक अधिकार की वैधानिक लड़ाई न्यायपालिका से लेकर प्रशासन तक नि:शुल्क एवं नि: स्वार्थ रूप से लडेगे, किसान अदालत से पहले किसानो ने अम्बेडकर पार्क मे गगन भेरी नारे लगाये , पूर्वज पेट से नाता है जमीन हमारी माता है, जब तक दुखी किसान रहेगा – धरती पर तूफान रहेगा, भूमि अधिग्रहण कानून का पालन करो – पालन करो पालन करो, मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना रद्द करो – रद्द करो रद्द करो, वकील ने नारा लगाया हम न्याय दिलाने वाले है – अन्याय नही हम सहते है, किसानो के सम्मान मे – अधिवक्ता समाज मैदान मे। किसान अदालत मे प्रमुख रुप से लाल बहादुर पटेल, अवधेश प्रताप वर्मा , संजय पटेल, रमेश पटेल, नीरज गुप्ता , फूलचंद, राम राज पटेल, राकेश कुमार सिंह, रामकिशन गुप्ता , सोमनाथ, जय शंकर, महेंद्र इत्यादि लोग शामिल थे।