
वाराणसी। वाराणसी में आईवीएफ के जरिये सूनी गोद भरने के नाम पर 53 महिलाओं से धोखाधड़ी के आरोप में दिल्ली के जनकपुरी की नामी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.के खिलाफ कैंट थाने में गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है कि प्रति महिला ढाई से तीन लाख रुपये वसूलने के बाद भी कोई मां नहीं बन सकी। कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पांडेयपुर क्षेत्र की आवास विकास कॉलोनी निवासी ने तहरीर में बताया कि डॉ. का दिल्ली के साथ देश में कई शहरों में आईवीएफ सेंटर हैं। उनका पांडेयपुर क्षेत्र में भी एक सेंटर था। अक्तूबर 2019 में अलग-अलग शहरों से तकरीबन 53 महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए सेंटर में आईं। प्रति महिला ढाई से तीन लाख रुपये जमा कराए गए, लेकिन किसी को बच्चा नहीं हुआ। इस संबंध में जब डॉ. से बात की गई तो पता चला कि यहां किसी की फाइल ही नहीं बनी है। गहराई से पता करने पर सामने आया कि वहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मानक के अनुरूप प्रशिक्षित स्टॉफ तक नहीं हैं। इस बीच डॉ. ने 22 सितंबर 2021 को पांडेयपुर स्थित सेंटर ही बंद करा दिया है। पीड़ितों ने शिकायत में बताया है कि जब वे मां नहीं बन पाईं, तब डॉक्टर से बात की। इस पर डॉक्टर ने अमानवीय व्यवहार करते हुए कहा कि मेरे पास ऐसी मशीन नहीं है कि इधर से मैटेरियल डालें और उधर से बच्चा निकल जाए। आरोप है कि पांडेयपुर स्थित सेंटर में महिलाओं के ट्रीटमेंट के लिए जिस डॉक्टर को रखा था, वह होम्योपैथिक की डॉक्टर थी। एंब्रयोलॉजिस्ट की शैक्षिक योग्यता के अनुरूप नहीं थी। आईएमए के मानकों के विपरीत चिकित्सकों को रखकर महिलाओं की जान से खिलवाड़ किया गया। 53 महिला पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि उनमें कोई वाहन चालक है तो कोई रेहड़ी-पटरी की दुकान लगाता है। सबने बच्चे की आस में एक-एक पैसे बचाकर रखे थे। दो किस्त में 1.8 लाख फिर 70-70 हजार रुपये सेंटर पर जमा कराए जाते थे। उनके 26 माह भी बर्बाद हुए और रुपये भी गए। महिलाओं की बच्चे की आस पूरी नहीं हुई। इसके अलावा एक से तीन बार आईवीएफ ट्रीटमेंट किया गया, जो फेल रहा। इनमें से कई महिलाओं की तो गलत ट्रीटमेंट के चलते हालत बिगड़ गई है। जो दूसरे अस्पताल में इलाज करा रही हैं। स्त्रियों से संबंधित बीमारी से ग्रसित हैं। उनकी जान पर बन आई है।इनलोगो ने बताया कि पांडेयपुर स्थित सेंटर बंद हो जाने के बाद सभी को गहरा आघात लगा। इसके बाद कई पीड़ित दिल्ली पहुंचे। जनकपुरी स्थित सेंटर पर अपने पैसे वापस पाने की आस में गए तो वहां चिकित्सक ने मिलने से भी मना कर दिया। बात नहीं की। सेंटर से भगाने के लिए स्थानीय पुलिस को बुलवा लिया।