
भारत मे 5 जी सेवाएं शुरू हों गई हैं। ऐसे में टेलीकॉम यूज़र्स के मन मे कई सवाल हैं जिनका वे जवाब जानना चाहते हैं। इनमें से सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब फिर 4जी की तरह 5जी शुरू होने पर नया सिम लेना होगा। एयरटेल ने 5जी के लिए उस टेक्नोलॉजी को चुना है, जिसके एयरटेल के ग्राहकों को अपना सिम नहीं बदलना होगा और वे अपने वर्तमान सिम पर ही 5जी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। राकेश भारती मित्तल वाइस प्रेसिडेंट एयरटेल ने कहा की 5 जी के बारे में बताया जा रहा है कि यह न सिर्फ 4G से इसकी स्पीड 10 गुना होगी बल्कि इसका डाटा गरीब भी 4G से बहुत ज्यादा नहीं होगा मान लीजिए 4G डाटा पैक 210 का है तो 5G डाटा पैक 250 के करीब होगा इतना ही अंतर आना चाहिए बाकी अभी रेट लिस्ट तय होना बाकी है।

“ज्यादातर एक साल से ज्यादा पुराने स्मार्टफोन में 5G चिपसेट नहीं होता है। हालाँकि, भारत मे उपलब्ध नए स्मार्टफोन्स में ज्यादातर 5जी सक्षम हैं। यदि आप एक नया स्मार्टफोन खरीद रहे हैं, तो जांच लें कि यह 5जी सक्षम है या नहीं। फोन की 5G सेटिंग चालू करें। अपने फ़ोन पर 5जी सक्षम करने के लिए, सेटिंग टैब पर जाएं और कनेक्शन या मोबाइल नेटवर्क पर जाएं। आपको 4जी या एलटीई के अलावा 5जी चुनने का विकल्प दिखेगा। उस मोड का चयन करें और आप 5जी सेवाओं का उपयोग करने के लिए तैयार हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश को 5जी तकनीक की सौगात मिल रही है। इसके लिए मैं काशीवासियों और प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। टेलीकॉम डिजिटल इंडिया की पहली जरूरत और इसकी रीढ़ है। प्रधानमंत्री ने आज 5जी सेवाओं को लांच किया है। ये इंटरनेट तकनीक सामान्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारी गति को तेज करेगा। समय की गति बहुत महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा हो या स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या एग्रीकल्चर, जीवन के किसी भी क्षेत्र में, समय ही सबसे महत्वपूर्ण होता है।

भारतीय मनीषियों ने वसुधैव कुटुम्बकम की बात की है, आज प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया के विजन के कारण हर नौजवान की जेब में पूरी दुनिया समा गयी है। इसकी ताकत को हमने इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के वक्त समझा, जब हमने एक गरीब के घर तक डीबीटी के माध्यम से एक क्लिक पर डिजिटल तरीके से पैसा ट्रांसफर किया। हमने इंटरनेट की जरूरत को तब और समझा जब हम ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से छात्र-छात्राओं के ढाई वर्ष तक बाधित पठन पाठन की प्रक्रिया को जारी रखा। यही नहीं हमने इसकी ताकत का एहसास तब भी किया जब कोरोना महामारी की शुरुआत में हमारे पास आरटीपीसीआर जांच की सुविधा के लिए एक भी लैब नहीं थी। आज उत्तर प्रदेश ने 4 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता को विकसित किया है। ये इंटरनेट की ही ताकत है कि हमने अभ्युदय कोचिंग के माध्यम से प्रदेश के नौजवानों को उनके ही जनपद में घर बैठे ऑनलाइन शिक्षा प्रदान किया। आज प्रदेश सरकार ने 2 करोड़ युवाओं को टैबलेट पहुचाने का लक्ष्य रखा है। यही नहीं हमने साढ़े 17 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट अबतक वितरित भी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य प्राप्त करने में हाईस्पीड इंटरनेट बहुत उपयोगी है। हम यूपी के सभी ग्राम पंचायत को हाईस्पीड इंटरनेट से जोड़ने का काम कर रहे हैं। सरकार गांव में ही 245 प्रकार की ऑनलाइन सेवाओं को गांव के लोगों को उपलब्ध कराने में तत्परता से काम कर रही है। ये सुविधा अभी 30 से 32 फीसदी लोगों तक है, हमारा लक्ष्य जल्द से जल्द इसे 90 से 95 फीसदी तक पहुंचाने का है। इससे यूपी 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा, साथ ही प्रतिव्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी।

हमने ऑपरेशन कायाकल्प के जरिए स्मार्ट क्लास के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाया है। इसके अलावा हेल्थ एटीएम की सुविधा अगले तीन महीने में यूपी के हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देंगे। ये सभी बड़े बदलाव बिना इंटरनेट हाईस्पीड के नहीं चल सकतीं। ऐसे में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से हर क्षेत्र में 5जी की सुविधा का लाभ मिलने वाला है।