
वाराणसी।धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में आज एक अलग ही नजारा देखने को मिला काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव आज उस परिधान में नजर आए काशी के कोतवाल के रूप में नजर है जी हां आपने बिल्कुल सुना बाबा आज पूरी तरीके से वर्दी में नजर आए बाबा काल भैरव और साथ में दंड भी लिए थे. बाबा का प्रत्येक दिन अलग-अलग सिंगार किया जाता है आज लोगों ने बाबा का अलग प्रकार से सिंगार किया उसके साथ ही पूरे विधि विधान से तांत्रिक विधि के साथ पूजन पाठ भी किया गया।

हम आपको बताते चलें कि विश्व की सबसे प्राचीनतम नगरी काशी में कोतवाल बाबा काल भैरव को कहा जाता है मान्यता यह है कि काशी में वास करने वाले लोगों के पाप का लेखा-जोखा बाबा स्वयं करते हैं. मान्यता यह भी है जिसको बाबा चाहते हैं वही काशी में निवास करता है यही वजह है कि तमाम आला अधिकारी अपने कुर्सी पर बैठने से पहले बाबा का आशीर्वाद लेते हैं उसके बाद ही अपने कार्य को करते हैं
