
वाराणसी। मैं अकेला ही चला था ज़ानिबे मंजिल की तरफ़ , लोग मिलते गए कारवाँ बनता गया” और इसी तरह नये भारत के सपने को साकार करते हुए वाराणसी के कुछ युवाओं ने सफाई की एक नयी मुहिम छेड़ दी है , प्रत्येक रविवार की तरह इस बार भी 78 वालंटियर्स ने मिलकर करीब 222 किग्रा से ज्यादा कूड़ा इकट्ठा कर रिसाइकिलिंग के लिए भेजा l

कुड़ा बाजार एवं प्लास्टिक फिस्चर के तत्वधान में नमामि गंगे के सपने को साकार करते ये युवा मुख्यतः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के धात्र- छात्राएं हैं , संस्थाओं का नेतृत्व कर रहे गौरव मिश्रा एवं ऋषभ सिन्हा बताते हैं कैसे प्लास्टिक के कचरे न केवल गंगा में प्रदूषण के स्तोत्र बनते वरन लंबे समय तक रहने के वजह से जलीय जीवन को भी प्रभावित करते है , फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से जुड़कर ये युवा पीढ़ी न केवल जागरूकता की पहल कर रहा बल्कि ‘ हम भारत के लोग…..’ को मूर्त रुप देते हुए यूथ पावर का भी अनुभव करा रहा।