समाचार

इस बार राखी दिन की जगह क्यों मनाई जाएगी रात में जानिए

रखी के दिन भद्रा काल की वजह से रात में ही रक्षा बांधने का योग

वाराणसी। राखी का त्यौहार इस बार पहली बार दिन में नहीं बल्कि रात में मनाई जाएगी और रक्षा सूत्र बांधने का समय लगभग रात में डेढ़ घंटे तक का ही होगा जिसे शुभ मुहूर्त माना जा रहा है दरअसल भद्राकाल के चलते समय में यह परिवर्तन हुआ है इस बार किस तरह से बहन अपने भाई को राखी मानेगी इसका शुभ मुहूर्त क्या होगा जानिए है ।भाइयों और बहनों का यह त्योहार पूर्णिमा के दिन या श्रावण या सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबे, समृद्ध और सुखी जीवन की कामना करती हैं। बदले में, भाई जीवन भर अपनी बहनों की रक्षा करने का वादा करते हैं। यह हिंदू त्योहार एक भाई और बहन के बीच प्यार भरे बंधन का भी प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में राखी बांधने का बहुत महत्व है और इससे समृद्धि आती है। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार राखी हमेशा शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर बांधनी चाहिए। वैदिक पंचाग के अनुसार जब चन्द्रमा ग्रह कर्क, सिंह, कुंभ व मीन राशि में गोचर करते हैं और भद्रा विष्टि करण का योग होता है, तब भद्रा पृथ्वीलोक में भ्रमण करती हैं। इस समय सभी शुभ और कार्य वर्जित माने गए हैं।पर इस बार भद्रा काल के कारण राखी बांधने का शुभ मूहर्त दिन में नहीं बल्कि रात में सिर्फ डेढ़ घंटे का है जो समय के अनुसार रात 8:46 से लगभग रात के 10 बजे तक मना जा रहा है। रक्षा बंधन पर राखी बांधने और अनुष्ठान करने का सबसे अच्छा समय अपराहन के दौरान होता है, जो देर दोपहर या प्रदोष का समय होता है। इसके अतिरिक्त, भद्रा के दौरान रक्षा बंधन की रस्में नहीं करनी चाहिए क्योंकि हिंदू शास्त्रों का मानना है कि यह एक दुर्भावनापूर्ण समय है जिसे सभी शुभ कार्यों से बचना चाहिए। इसलिए, किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भद्रा के खत्म होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button