वाराणसी। देवा दी देव महादेव की नगरी वाराणसी में प्रधानमंत्री का एक अलग ही अंदाज नजर आया यहां पर वह देश के प्रधानमंत्री कम बल्कि काशी के सांसद का फर्ज निभाते ज्यादा ही नजर आए अपने रोड शो के खत्म करने के बाद जब वह गाड़ी से अस्सी इलाके में पहुंचे तो बिल्कुल एक बनारसी के अंदाज में उनका पूरा स्वरूप है दिखा या सबसे पहले तो वह वाराणसी के पप्पू की अड़ी में पहुंचे है।
कहने के लिए तो चाय की दुकान है पप्पू की अड़ी है पर वह एक ऐसी चाय की टापरी है जहां पर एक लंबे अरसे से बुद्धिजीवियों का तांता लगा रहता है और वहां उस अड़ी पर न सिर्फ बुद्धिजीवी अपनी राय रखते थे बल्कि वहीं से प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक काशीनाथ सिंह जी ने काशी की अच्छी नामक किताब भी लिखा पप्पू की अड़ी की खासियत यह भी है कि वहां पर हर एक राजनीतिक दल के समर्थक अपने-अपने तरह से अपनी बातों को रखते हैं मतभेद होता है पर मन भेद नहीं होता और आपको यह भी बता दें कि 2014 में जब गुजरात से पहली बार काशी में चुनाव लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी आए तो सबसे पहले इसी पप्पू की अड़ी से उन्होंने चाय चर्चा भी शुरू की थी पर उस बार वह वर्चुअल जुड़े थे और इस बार जब 2022 में वह प्रचार कर रहे थे तब वह खुद अपनी गाड़ी से उतरकर पप्पू की चाय की दुकान के अंदर गए और वहां बैठे चाय की दुकान वाले अशोक ने चाय दी और आम लोगों के साथ चाय पी और खूब अड़ीबाजी भी की अपनी भी सुनाई बनारसियों की भी सुनी।
काशी की इस अड़ी से निकलते समय उन्होंने बनारसी पान का भी जायका लिया तो अगर ध्यान से देखें तो बनारस में बनारसी पन का जो अंदाज है जो अल्लहड़पन जो मस्ती के लिए बनारस मशहूर है वह भी प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान नजर आया प्रधानमंत्री ने कहा भी कि चूने का पान नहीं सादा पान लगाए।
प्रधानमंत्री का जो यह अंदाज है यही उन्हें सब से जोड़ता है और लोगों को उनके करीब लाता है और जब जब यह लगता है कि मोदी लहर शायद कमजोर पड़ गई वह लहर फिर से एक बार मजबूत होकर सामने आ जाती है। प्रधानमंत्री ने जिस स्त्री की आईडी से चाय पी और पान भी जमाया वहां का संदेश पूरे बनारस में जाता है और जाहिर सी बात है कि अस्सी पर चाय पीना और पान खाना यह बनारसी यों को और भी करीब जुड़ेगा इसका असर भी चुनाव में साफ साफ नजर आ सकता है।